पानी की गगरी छलकी ,
प्यार की पींगें , हल्की - हल्की |
मस्त पवन का झोंका ,
किसने है , तुझको रोका |
बारिश की प्यारी बुँदे ,
दिल की बगिया में कूदें |
वो तेरा - मेरा मिलना ,
फूलों का , बगिया में खिलना |
वो धुप - छाँव का चलना ,
मदमस्त मुझे फिर करना |
ये तेरी - मेरी बातें ,
रंगीन बनाती रातें |
ये तारों का रौशन होना ,
मेरे अंग - अंग में बसना |
ये पायल तेरी रूनछुन ,
मुझे बार - बार कहे , सुन - सुन |
तू भोली - भाली बाला ,
कह दे अपनी अभिलाषा |
मैं तेरा प्रेमी पागल ,
उड़ आ बनके तू बादल |
तुझे दुनिया नई दिखाऊंगा ,
फिर तेरा ही हो जाऊंगा |
तुझे खुद से ज्यादा चाहूँगा
अपनी सांसों में बसाऊंगा |
21 टिप्पणियां:
तुझे दुनिया नई दिखाऊंगा ,
फिर तेरा ही हो जाऊंगा |
तुझे खुद से ज्यादा चाहूँगा
अपनी सांसों में बसाऊंगा | bahut hi sunder prem main doobi rachanaa.bahut badhaai aapko.
plese visit my blog and leave the comments also.
क्या बात कही आपने ...जी कर रहा है बस लगातार पढता रहूँ.
सादर
ये पायल तेरी रूनछुन ,
मुझे बार - बार कहे , सुन - सुन |
तू भोली - भाली बाला ,
कह दे अपनी अभिलाषा |
मैं तेरा प्रेमी पागल ... bahut hi pyaari rachna
सुन्दर रचना ..
वाह क्या कहने ...लेखनी से प्यार उमड़ता रhe
बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने! सिर्फ़ एक बार नहीं बल्कि मैंने तीन बार पढ़ा और मुझे बेहद पसंद आया!
आह ...प्रेम रस में डूबी रचना ...बहुत खूब
मदमस्ती करती कृति
बहुत सु्न्दर भावाव्यक्ति।
कमाल के छन्द रचे हैं आपने, जिसमें कई मनो-स्थितियों का वर्णन है।
सुन्दर रचना ..
सुन्दर रचना....!
मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं आपके साथ हैं !!
प्रेम पगी,
शब्द नदी।
बहुत सुन्दर और प्यार भरी रचना ।
कृपया मेरी भी कविताएँ पढ़ें और अपनी राय देकर उत्साह बर्धन करें ।
www.pradip13m.blogspot.com
तुझे दुनिया नई दिखाऊंगा ,
फिर तेरा ही हो जाऊंगा |
तुझे खुद से ज्यादा चाहूँगा
अपनी सांसों में बसाऊंगा .
प्रेम को कैसे कैसे दिखाएँ और प्रस्तुत करें? यही तो भाव हैं जो कुछ ही शब्दों में उतर जाते हैं और फिर सब कुछ कह जाते हैं
तुझे दुनिया नई दिखाऊंगा ,
फिर तेरा ही हो जाऊंगा |
तुझे खुद से ज्यादा चाहूँगा
अपनी सांसों में बसाऊंगा |
सुन्दर रचना
प्रणय से परिपूर्ण..
बहुत सुन्दर रचना..
bhut hi khubsurat rachna...
पानी की गगरी छलकी ,
प्यार की पींगें , हल्की - हल्की |
मस्त पवन का झोंका ,
किसने है , तुझको रोका |
बारिश की प्यारी बुँदे ,
दिल की बगिया में कूदें |
गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ... हार्दिक बधाई
wah bahut sunder bhavabhivyakti ..
प्रेम रस में डूबी बहुत सुन्दर भावमयी रचना..
वाह...बेहतरीन!
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