तुम इंदु हो या हो बाला
तुम यौवन हो या मधुप्याला
कुछ तो मुझे बतला दो ना |
तुम दीपक हो या ज्योति उसकी
तुम दीपक हो या ज्योति उसकी
उषा हो या लाली उसकी
यह निजसार जरा समझा दो ना |
तुम इंदु हो या ......................
नीरज की मधुर मुस्कान हो तुम
कोयल की मीठी तान हो तुम
तुम शुभ पुष्प की प्यारी सी लता
या नूतन की हो नूतनता
उलझन ये सब निपटा दो न
तुम इंदु हो या .......................
तुम हो सावन की मस्त घटा
तुम हो सावन की मस्त घटा
बारिश की अनुपम तुम हो छटा
तुम रूप प्रत्यक्ष दिखा दो ना ...
तुम प्यारी हो , या प्राण पिया की
जीवन हो या हो त्राण पिया की
यह विश्वाश दिला दो न
तुम इंदु हो या ......................
तुम चित हो या चितचोर
अधर कहूँ या मुरली उसकी |
भेद मुझे समझा दो ना ...
तुम प्रेम भरी एक गाथा हो
या हृदय की मीठी भाषा हो |
तुम आशा हो या निराशा हो |
यह सब मुझको समझाओ ना |
तुम इंदु हो या हो .................
12 टिप्पणियां:
bahut behtreen
wah bahut sunder prastuti.chitra bhi bahut sunder lagaayaa aapne .badhaai sweekaren.
तुम प्रेम भरी एक गाथा हो
या हृदय की मीठी भाषा हो ?
तुम आशा हो या निराशा हो ?
यह सब मुझको कह जाओ ना |
खूबसूरत अंदाज़ ...अच्छी अभिव्यक्ति
तुम प्रेम भरी एक गाथा हो
या हृदय की मीठी भाषा हो ?
तुम आशा हो या निराशा हो ?
यह सब मुझको कह जाओ ना |
क्या खुब कहा है ..मान गए भाई ...अंदाजे बया ....
http://armaanokidoli.blogspot.com/
कभी हमारे अंगना भी आए ..आपका स्वागत हैं ...
मेरे अरमान मेरे सपनो पर
तुम चित हो या चितचोर उसकी
अधर कहूँ या मुरली उसकी ?
भेद मुझे समझा दो ना ...
तुम प्रेम भरी एक गाथा हो
या हृदय की मीठी भाषा हो ?
तुम आशा हो या निराशा हो ?
यह सब मुझको कह जाओ ना ...
बहुत खूब ... प्रेम की कोमल भावनाओं को संजो के लिखी कविता ...
सुन्दर श्रंगार छन्द।
behtreen prstuti....
तुम प्रेम भरी एक गाथा हो
या हृदय की मीठी भाषा हो ?
तुम आशा हो या निराशा हो ?
यह सब मुझको कह जाओ ना
बहुत सुंदर,
आभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
कितना सुन्दर लिखा है आपने ! लेकिन इसे पढते हुए दो शब्द खटकते भी हैं ! उचित समझें तो सुधारियेगा ...
कमसिन
विश्वास
शृंगार रस मे सराबोर कर दिया। सुन्दर रचना। शुभकामनायें।
सुन्दर..सुमधुर...श्रृंगार रस की कविता .
बहुत ही अच्छी पंक्तियाँ .... बहुत ही खूबसूरत.
मेरी भी शुभकामनाएं !!
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