सब जानते हैं ...
सबकी मंजिल का पता
सिर्फ एक ही तो है |
पर उसके नाम से ही ,
हम सब काँप जाते हैं |
जीवन का कडवा सत्य ,
जिसे छु कर हम
सबको गुजरना है |
उसकी याद करके ही ...
बदन में सिरहन सी लाते हैं |
बहुत दहशत है इस नाम में ,
पर सत्य सिर्फ एक ही तो है |
आये थे जहां से हम ,
आये थे जहां से हम ,
उसी राह सबको जाना है |
मोह माया के बंधन से
छुटकारा कब कहाँ मिलता |
पर मोह का धागा हमें ...
खुद से बांधे है रखता |
जब - जब इसको समझने को ,
हम आगे हैं बढ़ते |
मोह खींचकर हमें ...
अपने पलूं से बांध है देता |
यही वजह हमें ...
इसके डर का कारण बनाती है |
हममे इसके प्रति
और दहशत फैलाती है |
वास्तव में अगर आस्तित्व है ,
तो सिर्फ मोक्ष ही में है |
जो इसके सबसे करीब है
वो मृत्यु ही तो है |
18 टिप्पणियां:
आस्तित्व =
सिर्फ मोक्ष ही में है |... per moksh milta kahan hai
katu satya hai , jiska saamna koi nahin karna chahta , kintu..............
जीवन का सत्य.
यही शाश्वत सत्य है।
हममे इसके प्रति
और दहशत फैलाती है |
वास्तव में अगर आस्तित्व है ,
तो सिर्फ मोक्ष ही में है |
जो इसके सबसे करीब है
वो मृत्यु ही तो है |aapne jindagi ke baad ka sach se parichay kara diya.bahut hi saarthak rachanaa.yatharth ko batati hui.badhaai aapko.
please visit my blog and leave the comments also.thanks
सच कहा आपने.
सादर
सब जानते हैं फिर भी भयभीत रहते हैं ...सत्य को कहती अच्छी रचना
बहुत सुंदर रचना ... पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ. मेरे ब्लॉग पर आयें.आपका हार्दिक स्वागत है
कृपया मेरे ब्लॉग पर आयें http://madanaryancom.blogspot.com/
बहुत सुंदर रचना ... पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ. मेरे ब्लॉग पर आयें.आपका हार्दिक स्वागत है
कृपया मेरे ब्लॉग पर आयें http://madanaryancom.blogspot.com/
शाश्वत सत्य
बहुत ही सुन्दर... कुछ अलग सी रचना.
is jeevan ka antim sach....jo kabhi nahi badla
शाश्वत सत्य को दर्शाती ........बहुत ही सुन्दर रचना...
sach sabkuchh dhara rah jaata hai yahin, phir bhi bhage jaa raha hain insaan....
very nicely said !!!
शास्वत सत्य का काव्यात्मक रूप अच्छा लगा।
सत्य वही है,
और सत्य है,
सारा जीवन।
bat to bilkul sach hai,par bhay to lagta hi hai..
bahut acha likha hai. par ye vastvikta aadmi ko bhut der me samajh aati hai. agr pehle hi ye samajh aa jae to sansarik bandhan me koi bhi aadmi fasna nhi chahega. isi lie ishwar ne kuch aisa jal bichaya hai ki ye baad me hi samajh aae aur jeevan chalta rhe.
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