माँ है पेड
जो खुद को दबाकर
हम सबको उपर उठाती है |
पिता है तना
जो अपनी छाया देकर हमकों
सुकूं दिलाते हैं |
हम सब हैं शाखाएं
जो उन दोनों बिन अधूरे है |
उन दोनों के आशीर्वाद से
ये भाई - बहन का
रिश्ता भी बन पाया है |
ये प्यारी सी एक डोर है |
जिसमे भाई - बहन
दोनों एक - एक छोर हैं |
ये पावन , निर्मल रिश्ता है |
जो एहसास , विश्वास में पलता है |
जिसमे मान है , मुनहार है |
अपने सुख - दुःख को
साँझा करने कि एक आस है |
एक दूजे के लिए सम्मान है |
माँ - बाबा के साथ से इस का
आस्तिव बरकरार है |
क्युकी बचपन कि खुशबु को
पाने कि जो आस है ,
वो सबके एहसासों का
मिलाजुला संसार है |
जो भाई - बहन के प्यार ने
आज भी बखूबी आगे बढाया है |
इसीलिए राखी का त्यौहार
सबसे प्यारा कहलाया है |
11 टिप्पणियां:
रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं !
सादर
बहुत बहुत मुबारकबाद
खूबसूरत भाव से भरी रचना ..शुभकामनाएँ
प्रेम का अनुपम चित्रण।
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं..!!
बहुत ही भावपूर्ण रचना, रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत ही भावुक रचना.....
रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
bahut sunder vyakhya ki rishton ki. sach kaha sab se sunder pavitr rishta yahi hai.
Bahut acha. Likhte raho.
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