प्यारा सा रिश्ता

ये प्यारा सा जो रिश्ता है |
कुछ तेरा है , कुछ  मेरा है ||
कहीं  लिखा नहीं , कही पढ़ा  नहीं |
फिर भी जाना - पहचाना है |
कुछ  मासूम सा , कुछ अलबेला   |
कुछ  अपना सा , कुछ  बेगाना |

ये मासूम सा जो , रिश्ता है |
कुछ  तेरा है , कुछ  मेरा है ||

कुछ  चंचल सा , कुछ  शर्मीला |
कुछ  सुख सा , तो कुछ  संजीदा |
कुछ  उलझा सा , कुछ  सुलझा सा |
मस्ती से भरा , कुछ  खफा - खफा |

ये प्यारा सा जो रिश्ता है |
कुछ  तेरा है कुछ  मेरा है ||


कड़ी धूप मै ये , साया जैसा  |
अँधेरी रात मै ये , जुगनू जैसा  |
कभी रस्ता है , कभी मंजिल है |
किसी  धागे से भी ये , बंधा नहीं |


ये जो प्यारा सा रिश्ता है |                        
कभी तेरा है , कभी मेरा है |

ये तो सच्चे मोती के जैसा है  |
दिल की सीपी मै , कैदी जैसा है |
सबकी नजरो से , ढांप लिया |
कभी मन दिया , कभी एतबार किया |
सब कुछ  इस पर ही , वार दिया |
                            
कुछ  मेरा है , कुछ  तेरा है |
ये प्यारा सा जो , रिश्ता है ||

कोई टिप्पणी नहीं: