
सच मै बेजार हो गई ये दुनिया .......
लगता है हम इसे प्यार नहीं करते |
रहते भी हैं उसके दिल में
फिर भी इज़हार नहीं करते |
तमन्ना तो रखते है चाँद की
पर उसका दीदार नहीं करते |
खुशबु लेते हैं गुलाब की
मगर काँटों से प्यार नहीं करते |
सुनते तो हैं उसकी मगर
उसपे एतबार नहीं करते |
और कहते हैं की दुनिया बेजार है |
पर किसी का इंतजार
हम हरगिज़ न करते |
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